Tuesday, May 5, 2020

लड़की होना एक जंग

अपनी-अपनी इच्छा
अपना-अपना ढंग
पर किसी पर भी ना थोप
तेरा जैसा भी रंग,

की दिखावे की आदत ना
छोड़ दी हमने,
जो आया अकड़ के सामने
उसे तोड़ दी हमने,
जो लगा रहे हो बेड़ी
ढोंग-ढकोसलों का,
बीते जमाना हो गया,
वो प्रथा तोड़  दी हमने।।

आखिर क्यों करें जी हजूरी,
क्या अपने लिये जीना पाप है,
चारदीवारी में हम  क्या फिर से हो जाये कैद,
फिर जमाने से कहे लड़की होना शाप है।।।
Param


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