Friday, April 24, 2020

हम उसे देखते रहे वो कोई चाल चल गयी

हम उसे देखते रहे
वो कोई चाल चल गयी,
बनके फिरते रहे भले मानुस,
वो हमें कंगाल कर गयी,,

अब अपनी किस्मत ले के रोये,
या रोये अपनी फितरत पर,
वो आयी बनके सखी,
हमे बेहाल कर गयी।।

अब हमें है बड़ी खुन्नस,
जो मिल जाये तो ठोके,
उसका वही हाल करेंगे 
जो वो मेरा हाल कर गयी,

*एक दिन मिली अचानक,
किसी और शहर में,
कोई और रूप रंग में,
किसी और डगर में,

फिर हम उसे देखते रहे,
आँखे उसकी कमाल कर गयी
ऐसा उसके हुस्न का जादू,
कि दिल बहाल कर गयी,

फिर हमने जुटायी हिम्मत,
थोड़ी दिखाई दबंगाई,
चले थे हाल सुनाने,
वो हमें ना पहचाने,

फिर हम उसे देखते रहे,
वो हमे पार कर गयी,
मुड़के देखा तलक नही,
हमे बिन-हथियार कर गयी,
Param

Thursday, April 23, 2020

देखा उसे ,😍

देखा उसे
देखा उसे दिल हारकर,
दिल ने कहा 
जा इज़हार कर,
वो हुस्न की है मल्लिका
उसपे ही जाँ-निसार कर,
देखा उसे....

कहनी है उससे दिल का हाल,
बदले से है अपने भी चाल,
अदब से भर उठा है मन,
कहाँ है मेरी गुलबदन,
तलाश कर आँखे रोयी,
कई रात-रात ना सोयी,

देखा उसे
हम घबरा गए
कुछ और ही 
बड़बड़ा गए
मुँह ढाप कर
जब वो हँसी
हम मन ही मन शरमा गए
देखा उसे...
Param

Tuesday, April 21, 2020

कर्म

अहिंसा का बोध,
कायरता की निशानी ना बने,
ऐ वीर कही तेरी सहनशीलता,
एक निर्बलता की कहानी ना बने,
जब कर्म में तेरी हिंसा हो,
तब दुष्टों पर आघात कर,
जब रण में हो कोई शत्रु,
उठा अस्त्र प्रतिघात कर,
इतिहास रचे 
जन नाम जपे
वीरता की एक कहानी गढ़,
Param

बदलता परिवेश

बंद जो हुआ सारा बाजार
अब वेश साधु सा है,
परिवेश पारिवारिक,
विचार साधु सा है,
मुक्त सा हुआ हूं,
संसार के जंजाल से,
जिंदगी जो जिया है,
मायाजाल सा है
Param

जीवन का सार

जीवन सार
क्या कमाने आये थे 
क्या कमा रहे है,
जो व्यर्थ ठहरे भवसागर में,
वहां जान जला रहे है,

वो धन ही क्या,
जो अपमान करे,
वो नाम ही क्या,
जो बदनाम करे,
Param

Monday, April 13, 2020

कदमों के निशाँ

पलट कर जब कभी भी देखा अपने कदमो के निशाँ,
इन्हें अक्सर तेरी यादों में लिपटा पाया है,
बाहे खिल जाते
आँखे चमक जाते
जब कभी भी किसी जुबान पे तेरा नाम आया है
Param

प्यार एक कल्पना

'प्यार' एक कोरी कल्पना,
जिसके किसी भी एक पहलू पर दृढ हुआ जाए,
संभव नही,
एक रहस्य,
मर्ज या दवा,
दावा कोई भी सच्चा नही,
कोई भी झूठा नही,
एक अनसुलझी पहेली,
Param

अनकही बातें

चेहरे बोलते है,
राज खोलते है,
जो कह ना सके ज़ुबा,
वो सारे अल्फ़ाज बोलते है,

जो नूर है तेरे चेहरे पे,
तो हर मौसम खुशी का है,
गर है खामोशी 
तो सुहानी शाम भी बेवफा
Param

Monday, April 6, 2020

दोस्ती-प्यार

प्यार की शुरुआत,
पहले दोस्ती,
तकरार,
दिल्लगी,
फिर प्यार,

पर दोस्ती इजाजत कहाँ देती है,
की उसके जज़बातों से खेले,
रंग चढ़ा दें अपना ऐसे के,
वो अपनी जुबां बोले।

के दोस्ती इजाज़त कहाँ देती है,
की उसकी खुशी के आगे सोचें,
भले लग जाये हिज्र की चोट,
के उसके आकांक्षाओं को टोके

दोस्ती कहाँ इजाजत देती है,
के अपने बारे में सोचे,
अपनी इच्छा उसपर थोपें,,

गर दोस्ती है,
वो प्यार ही है,
पर रिश्ता अगर प्यार का हो
तो दोस्ती जरूरी नही।।
Param

Sunday, April 5, 2020

कितना बेक़सूर

समझा लो खुद को कितना भी बेकसूर पर हो नही,
कि भटकते को राह भी ना दिखाया इतना मजबूर हो नही,
माना कभी काबिल ही ना हो सकते थे,
की तुझसे मुहब्बत मुकम्मल हो,
समझ जाएं तेरी सारी चुप्पियाँ,अदाकारा तुम इतने मशहूर हो नही।।

तेरी चुप्पी का कोई मतलब  मैं समझता कैसे,
मुहब्बत में अंधा तेरी खामोश सवालोँ से उलझता कैसे,
दिलो-दिमाग बेकाबू ,ये प्यार ही ऐसा है,
मैं तो मदहोश था सही-गलत का भेद करता कैसे।।
Param


Saturday, April 4, 2020

कोरोना का दर्द

वक़्त कठिन है ज़रा सम्हल के चल,
घर से बाहर ना निकल,
मुसीबत दस्तक दे रही है,
लौट आये है परिंदों से घर वापस,
जो गए थे भोजन की तलाश में,
कुछ यहां के रहे ना वहां के इस आपाधापी में,
लटक गये है राहों में, जिंदगी अटक सी गयी है,
Param