Friday, April 24, 2020

हम उसे देखते रहे वो कोई चाल चल गयी

हम उसे देखते रहे
वो कोई चाल चल गयी,
बनके फिरते रहे भले मानुस,
वो हमें कंगाल कर गयी,,

अब अपनी किस्मत ले के रोये,
या रोये अपनी फितरत पर,
वो आयी बनके सखी,
हमे बेहाल कर गयी।।

अब हमें है बड़ी खुन्नस,
जो मिल जाये तो ठोके,
उसका वही हाल करेंगे 
जो वो मेरा हाल कर गयी,

*एक दिन मिली अचानक,
किसी और शहर में,
कोई और रूप रंग में,
किसी और डगर में,

फिर हम उसे देखते रहे,
आँखे उसकी कमाल कर गयी
ऐसा उसके हुस्न का जादू,
कि दिल बहाल कर गयी,

फिर हमने जुटायी हिम्मत,
थोड़ी दिखाई दबंगाई,
चले थे हाल सुनाने,
वो हमें ना पहचाने,

फिर हम उसे देखते रहे,
वो हमे पार कर गयी,
मुड़के देखा तलक नही,
हमे बिन-हथियार कर गयी,
Param

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