कहानी आपकी और मेरी
Monday, April 13, 2020
कदमों के निशाँ
पलट कर जब कभी भी देखा अपने कदमो के निशाँ,
इन्हें अक्सर तेरी यादों में लिपटा पाया है,
बाहे खिल जाते
आँखे चमक जाते
जब कभी भी किसी जुबान पे तेरा नाम आया है
Param
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