Saturday, April 4, 2020

कोरोना का दर्द

वक़्त कठिन है ज़रा सम्हल के चल,
घर से बाहर ना निकल,
मुसीबत दस्तक दे रही है,
लौट आये है परिंदों से घर वापस,
जो गए थे भोजन की तलाश में,
कुछ यहां के रहे ना वहां के इस आपाधापी में,
लटक गये है राहों में, जिंदगी अटक सी गयी है,
Param

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